लोकप्रिय लेखिका अनिता नैथानी ढौंडियालकुंजापुरी नौ कु मंदिर एक चोटी पर स्थित च जु समुद्र तल बटी १६७६ मीटर ऊंचै म स्थित च।कुंजापुरी मंदिर एक भौत पुरणु अर पवित्र सिद्ध पीठ क रुप मा परसिद च। य जगा केवल देबी देबतौं क वजै से हि परसिद नी च,यख बटी गढवलै हिमालै चोट्यूं कु देखणू तैं भि परसिद च।यख बटी स्वर्गारोहिणी, गंगोत्री, बंदरपूंछ, चौखम्भा अर भगीरथी घाटि क ऋषिकेश, हरिद्वार अर दूनघाटी भि साफ दिखेंदन। यु मंदिर नरेंद्र नगर बटी ७ किमी, ऋषिकेश बटी १५ किमी अर देवप्रयाग बटी ९३ किमी दूर च।
पैदल चलणा सौकीन लोंगूं तैं चंबा रस्तम हिंडोलाखाल जगा क हैरा भैरा जंगलों बटी मंदिर तक पैदल यात्रा भि पसंद ऐ सकदी।य यात्रा करीब ५ किमी कि च। यात्री घाम निकल्ण अर घाम असलेण देखण भि पसंद करदन। यात्रियूं तैं चा पाणी अर खाणु कु छ्वट्टा ढाबों कि व्यवस्था च। मंदिरौ खुलणू टैम ६ बजी बटी ८ बजी तक च।कुंजापुरी मंदिरै यात्रा साल भर कर सकदन।पर नौरात्री म यख खूब भीड़ रैंद। पूरा नौ दिन तक मेला लग्यूं रैंद।
इतिहास-
कुंजापुरी देवी दुर्गा मंदिर च, यु शिवालिक रेंज म तेरा शक्ति पीठों म एक च अर जगद्गुरु शंकराचार्य द्वारा टीरी जिला मा स्थापित तीन शक्ति पीठों म एक च। जिला कद्वी शक्ति पीठों म एक सुरकंडा देवी क मंदिर अर चंद्र बदनी देवी कु मंदिर च। शक्ति पीठ ऊं जगौं म छन जख भगवान शिव देवी सती कु जल्यूं शरीर हथूं मा लेकी हिमालै जाणा छा अर जख जख शरीरा हिस्सा पोण्णी वख वख शक्ति पीठ छन। कुंजापुरी दुर्गा मंदिर सैरा साल हजारों लोग औंदन पर नौरत्री मा भौत भीड़ रैंद।